राजस्थान में सर्दियों में ट्रैकिंग: एक अनोखा अनुभव
भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान केवल रेगिस्तान, किलों और महलों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अद्भुत ट्रैकिंग अनुभवों के लिए भी प्रसिद्ध है। खासकर सर्दियों का मौसम (नवंबर से फरवरी) यहाँ ट्रैकिंग के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है। ठंडी हवाओं, सुनहरी रेत और अरावली पर्वतमाला के बीच ट्रैकिंग करना किसी रोमांच से कम नहीं है।
क्यों करें राजस्थान में ट्रैकिंग सर्दियों में?
- मौसम अनुकूल होता है – गर्मियों की तरह झुलसाने वाली धूप नहीं होती।
- दृश्य अद्भुत लगते हैं – सुनहरी रेत, हरे-भरे जंगल और पहाड़ सर्दियों में खास रूप से आकर्षक लगते हैं।
- कम भीड़ होती है – अन्य हिल स्टेशनों की तुलना में यहाँ ट्रैकिंग के दौरान शांति और सुकून मिलता है।
राजस्थान में प्रमुख ट्रैकिंग डेस्टिनेशन
1. माउंट आबू ट्रैक
अरावली की गोद में बसा माउंट आबू, राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है।
- मुख्य आकर्षण: गुरु शिखर (1722 मीटर), नक्की झील और दिलवाड़ा मंदिर।
- ट्रैकिंग अनुभव: घने जंगलों और खूबसूरत घाटियों के बीच चलते हुए अद्भुत नज़ारे मिलते हैं।
2. कुंभलगढ़ फोर्ट ट्रैक
विश्व धरोहर स्थलों में शामिल कुंभलगढ़ किला, अपने चारों ओर फैले पहाड़ों और जंगलों के कारण ट्रैकर्स के लिए आदर्श है
- मुख्य आकर्षण: दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार (36 किमी)।
- ट्रैकिंग अनुभव: किले की चढ़ाई और अरावली की पहाड़ियों का रोमांचक संगम।
3. अलवर और सरिस्का ट्रैक
राजस्थान का अलवर जिला प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग शौकीनों का स्वर्ग है।
- मुख्य आकर्षण: सरिस्का टाइगर रिज़र्व और बाला किला।
- ट्रैकिंग अनुभव: जंगल सफारी के साथ-साथ पहाड़ों और झीलों के बीच ट्रैकिंग।
4. उदयपुर – अरावली हिल्स ट्रैक
उदयपुर की झीलों और अरावली पहाड़ियों के बीच ट्रैकिंग करना बेहद मनमोहक है।
- मुख्य आकर्षण: फतेहसागर झील, सज्जनगढ़ पैलेस और अरावली के छोटे-छोटे ट्रेल्स।
- ट्रैकिंग अनुभव: संस्कृति, इतिहास और प्रकृति का सुंदर संगम।
5. जैसलमेर डेजर्ट ट्रैक
थार रेगिस्तान में ऊँट सफारी के साथ-साथ डेजर्ट ट्रैकिंग का अनुभव सर्दियों में अनोखा लगता है।
- मुख्य आकर्षण: सम सैंड ड्यून्स और तनोट माता मंदिर।
- ट्रैकिंग अनुभव: सुनहरी रेत के टीलों पर चलने का रोमांच और तारों भरी रात का जादू।
ट्रैकिंग के दौरान ध्यान रखने योग्य बाते
- पर्याप्त पानी और ऊर्जा ड्रिंक्स साथ रखें।
- गर्म कपड़े और आरामदायक ट्रैकिंग शूज़ पहनें।
- फर्स्ट एड किट और टॉर्च रखना न भूलें।
- स्थानीय गाइड या ग्रुप के साथ ट्रैकिंग करें ताकि सुरक्षित अनुभव मिल सके।
निष्कर्ष
सर्दियों में राजस्थान में ट्रैकिंग करना इतिहास, संस्कृति और रोमांच – तीनों का संगम है। चाहे अरावली की पहाड़ियाँ हों या थार के रेतिले टीले, हर जगह का अनुभव अनोखा है। अगर आप इस सर्दी कुछ अलग और यादगार करना चाहते हैं, तो राजस्थान की ट्रैकिंग आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है।